Home गैर ओलंपिक खेल वर्ल्ड गेम्स 2025: नम्रता बत्रा ने वूशु में भारत को दिलाया ऐतिहासिक...

वर्ल्ड गेम्स 2025: नम्रता बत्रा ने वूशु में भारत को दिलाया ऐतिहासिक रजत पदक

Namrta Batra Wushu Player kicking her opponent

खेलो इंडिया न्यूज़, चेंगदू, चीन: भारतीय एथलीट नम्रता बत्रा ने चीन के चेंगदू में आयोजित वर्ल्ड गेम्स 2025 में इतिहास रच दिया है। 24 वर्षीय नम्रता ने महिला 52 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में रजत पदक जीतकर, वूशु में भारत का पहला वर्ल्ड गेम्स पदक हासिल किया। यह भारतीय खेलों के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है, जो वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते खेल कौशल को दर्शाती है।


नम्रता का शानदार सफर

चार बार की राष्ट्रीय चैंपियन और पिछले साल एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुकी नम्रता का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में बेहद प्रभावशाली रहा। उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत क्वार्टर फाइनल में लेबनान की बारबरा अल रासी को 2-0 से हराकर की। इसके बाद, सेमीफाइनल में फिलीपींस की क्रिज़ान फेथ कोलाडो को 2-0 से हराकर उन्होंने फाइनल में अपनी जगह पक्की की। फाइनल में उनका मुकाबला स्थानीय खिलाड़ी मेंग्युए चेन से हुआ, जहाँ उन्हें 0-2 से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, उनका रजत पदक जीतना भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

खेलो इंडिया न्यूज़ से बातचीत में नम्रता बत्रा ने खिलाडियों के लिए सन्देश दिया: “मैं सभी खिलाडियों से यही कहना चाहती हूँ कि भले खेल हो या कोई अन्य कार्य हो हमें अनुशासन के साथ निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए और जीवन के उतार चढ़ाव से नहीं घबराते हुए निरंतर अपने लक्ष्य के लिए प्रयास करना चाहिए, एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी।


भारत का दूसरा पदक

नम्रता बत्रा का यह पदक इस वर्ल्ड गेम्स में भारत का दूसरा पदक है। इससे पहले, ऋषभ यादव ने पुरुष कंपाउंड तीरंदाजी में कांस्य पदक जीता था। इस जीत के साथ, वर्ल्ड गेम्स के इतिहास में भारत के कुल पदकों की संख्या सात हो गई है, जिसमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।

नम्रता की यह जीत सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत में वूशु जैसे मार्शल आर्ट्स को बढ़ावा देने का काम करेगी। उनकी सफलता ने देश के युवा एथलीटों, खासकर महिलाओं को, खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। नम्रता का यह प्रदर्शन साबित करता है कि सही प्रशिक्षण और समर्पण से, भारतीय एथलीट किसी भी खेल में विश्व स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।


वूशु क्या है?

वूशु एक चीनी मार्शल आर्ट है, जिसमें एथलीट ‘सांडा’ और ‘ताओलू’ नामक दो विधाओं में प्रतिस्पर्धा करते हैं। सांडा एक फुल-कॉन्टैक्ट मुकाबला है, जो किकबॉक्सिंग के समान है, जबकि ताओलू जिम्नास्टिक और मार्शल आर्ट्स का मिश्रण है। चेंगदू में भारत की तीनों प्रविष्टियां सांडा स्पर्धाओं में थीं। नम्रता के अलावा, एशियाई खेल 2023 की रजत पदक विजेता रोशिबिना देवी (महिला 60 किग्रा सांडा) और अभिषेक जम्वाल (पुरुष 56 किग्रा सांडा) क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गए थे।