देहरादून, 16 अगस्त 2025: भारत ने शीतकालीन खेलों के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISAI) ने आज देहरादून के होटल जिंजर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एशियाई ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी 2025 के विवरणों की घोषणा की। यह पहली बार है जब भारत 20 से 23 अगस्त तक इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय आइस स्केटिंग टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टूर्नामेंट के लोगो, शुभंकर और भारतीय टीम की तैयारियों को दर्शाने वाले विशेष वीडियो दिखाए गए। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पी.टी. उषा जी का एक व्यक्तिगत शुभकामना संदेश भी सुनाया गया।
इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट में 11 एशियाई देशों – चीन, हांगकांग, इंडोनेशिया, भारत, जापान, सिंगापुर, थाईलैंड, चीनी ताइपे, वियतनाम, मलेशिया और फिलीपींस के खिलाड़ी भाग लेंगे। जूनियर से लेकर सीनियर वर्ग तक के खिलाड़ी 222 मीटर से 5000 मीटर रिले तक की नौ अलग-अलग दूरियों में प्रतिस्पर्धा करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंच पर आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री अमिताभ शर्मा, उत्तराखंड आइस स्केटिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री शिव पैनुली, एशियाई ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी के प्रोजेक्ट हेड श्री चित्रांगट सिंह और आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मेडिकल निदेशक डॉ. करण चिब मौजूद थे।
इस आयोजन में कुल 240 स्केटर्स और अधिकारी भाग ले रहे हैं। इसमें चीन के 18, हांगकांग के 27, इंडोनेशिया के 11, जापान के 13, मलेशिया के 8, फिलीपींस के 2, सिंगापुर के 5, थाईलैंड के 25, चीनी ताइपे के 19, वियतनाम के 16 और भारत के 95 खिलाड़ियों का दल शामिल है।
इंटरनेशनल स्केटिंग यूनियन (ISU) द्वारा अनुमोदित और आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISAI) द्वारा आयोजित यह आयोजन वैश्विक आइस स्पोर्ट्स मानचित्र पर भारत की उपस्थिति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन का केंद्र देहरादून में पुनर्जीवित ‘हिमाद्री आइस रिंक’ है, जो भारत का एकमात्र ओलंपिक आकार का आइस रिंक है। कभी उच्च रखरखाव लागत के कारण बंद हुआ यह रिंक अब पुनरुत्थान का प्रतीक बन गया है। इसने हाल ही में 20वीं राष्ट्रीय स्केटिंग चैंपियनशिप की मेजबानी की थी और अब एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए तैयार है।
ISAI के अध्यक्ष श्री अमिताभ शर्मा ने कहा, “भारत में सभी शीतकालीन खेल, खासकर आइस स्पोर्ट्स, अभी शुरुआती चरण में हैं। लेकिन इस रिंक के पुनरुद्धार के साथ, यह हमारे भाग्य के साथ एक जुड़ाव जैसा है।” उन्होंने कहा, “हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहां भारत 2027 तक जूनियर विश्व कप जैसे बड़े आयोजनों की भी मेजबानी कर सकता है।”
भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी परिषद के सदस्य श्री शर्मा ने आगे कहा, “जहां 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना भारत का सपना है, वहीं ऐसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी दुनिया को हमारी क्षमताओं और हमारी गर्मजोशी भरे आतिथ्य को दिखाने का एक तरीका है।” उन्होंने कहा कि ISAI विश्व कप, विश्व टूर, 2029 एशियाई खेल और सबसे बढ़कर, शीतकालीन ओलंपिक जैसे कई बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में अपनी पहचान बनाने की तैयारी कर रहा है।
इस आयोजन के लिए भारत ने 91 स्केटर्स का एक दल बनाया है, जो वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय चैंपियन और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता शामिल हैं। ISAI ने दक्षिण कोरिया से अंतरराष्ट्रीय कोचों को बुलाया है, जो भारतीय स्केटर्स को विदेशी शीतकालीन खेल तकनीकों को सीखने में मदद करेंगे।
यह आयोजन भारत की शीतकालीन खेल कहानी में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो इस बात को रेखांकित करता है कि आइस स्केटिंग हिमालयी क्षेत्रों से लेकर महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों तक अपनी पहचान बना सकती है।
इस चार दिवसीय आयोजन में एशियाई शीतकालीन खेलों, हार्बिन में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके शीर्ष भारतीय स्केटर्स जैसे एकलव्य जगल, सोहन तारकर, साई सहाना, सुयोग तापकीर, डैशियल कॉन्सेसो, नोयल सी चेरियन और अन्य खिलाड़ी एक्शन में होंगे।
यह टूर्नामेंट सिर्फ पदकों के बारे में नहीं है, बल्कि यह गति, दृष्टिकोण और भारत में शीतकालीन खेलों के एक नए युग की शुरुआत करने के बारे में है।