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एशियन यूथ गेम्स की मेज़बानी के लिए तैयार बहरीन, भारत की पदक की उम्मीदें बढ़ी

मनामा: एशियाई खेलों के बाद दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीपीय multi-sport event, एशियन यूथ गेम्स (AYG), इस साल 22 से 31 अक्टूबर तक बहरीन में होने जा रहा है. यह प्रतियोगिता इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें 14 से 17 साल की उम्र के 2,000 से भी ज़्यादा युवा खिलाड़ी 45 देशों से हिस्सा लेंगे. यह आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बहरीन को यह मौका बहुत कम समय में मिला, जब मूल मेज़बान उज़्बेकिस्तान ने पीछे हटने का फ़ैसला किया था.

आयोजन से जुड़ी ख़ास बातें

इस बार इन खेलों में कुल 21 खेल और 26 डिसिप्लिन के तहत 207 इवेंट्स आयोजित होंगे. बहरीन ओलंपिक कमेटी के सेक्रेटरी जनरल, श्री फारिस मुस्तफा, ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 94 पुरुष और 92 महिला एथलीट भाग लेंगे. साथ ही, कुछ मिक्स्ड इवेंट्स भी होंगे. खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन बहरीन के प्रमुख खेल स्थलों पर किया जाएगा, जिसमें खलीफा स्पोर्ट्स सिटी, बहरीन इंटरनेशनल सर्किट और रॉयल गोल्फ क्लब जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

बहरीन ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष और GSA के प्रेसिडेंट, शेख़ खालिद बिन हमद अल खलीफा, ने कहा कि “एशियन यूथ गेम्स बहरीन के विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और खेलों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाने का एक बड़ा मंच है.”

बहरीन ने किया चुनौतियों का डटकर सामना

इतने कम समय में मेगा इवेंट की तैयारी करना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन बहरीन ने इसे संभव कर दिखाया. बहरीन के अधिकारियों ने इसे एक “स्प्रिंटर” की तरह बताया जो लंबी रेस की भी ताक़त रखता है. ओलंपिक काउंसिल ऑफ़ एशिया (OCA) के डायरेक्टर जनरल, डॉ हुसैन अल मुसल्लम, ने भी बहरीन की तेज़ प्रगति की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि वे इस आयोजन को शानदार तरीक़े से पूरा करेंगे.भारत का प्रदर्शन: एक नज़र

एशियन यूथ गेम्स का इतिहास देखें तो ये हर चार साल में होने वाला आयोजन है. पहला खेल 2009 में सिंगापुर में हुआ था, जिसमें भारत ने 10 मेडल (5 गोल्ड, 3 सिल्वर, 2 ब्रॉन्ज़) जीते थे. उसके बाद, 2013 में नानजिंग, चीन में हुए दूसरे खेलों में भारत ने अपना प्रदर्शन सुधारते हुए 14 मेडल (3 गोल्ड, 4 सिल्वर, 7 ब्रॉन्ज़) जीते और पदक तालिका में 10वें स्थान पर रहा.

इस बार भारत से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदें हैं, क्योंकि हमारे युवा खिलाड़ी लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भारत 2013 के प्रदर्शन को पीछे छोड़ पाएगा और अपनी रैंकिंग सुधार पाएगा.

यह खबर खेल प्रेमियों के लिए तो है ही, साथ ही हमारे युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करना चाहते हैं.