श्रीनगर KHELO INDIA NEWS: खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल (KIWSF) 2025 में, जम्मू और कश्मीर के तीन युवाओं ने अपने असाधारण कौशल से सभी को चौंका दिया। साधारण परिवारों से आने वाले ये एथलीट, मोहसिन अली, सज्जाद हुसैन और मुहम्मद हुसैन, आज केंद्र शासित प्रदेश के लिए सम्मान का प्रतीक बन गए हैं। उनकी इस सफलता के पीछे भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के सहयोग का एक मजबूत हाथ है, जिसने उनके सपनों को वास्तविकता में बदला।
मेहनत और लगन की कहानी
मोहसिन एक कारपेंटर के बेटे हैं, सज्जाद के पिता शिकारा चलाते हैं, और मुहम्मद के पिता एक सब्जी विक्रेता हैं। इन सभी की पृष्ठभूमि आर्थिक रूप से कमजोर है, लेकिन उनके हौसले आसमान छूते हैं। SAI के नेहरू पार्क केंद्र में मिले प्रशिक्षण ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया।
मोहसिन ने पुरुषों की K-1 1000 मीटर कयाकिंग में स्वर्ण पदक जीतकर जम्मू और कश्मीर को गर्व महसूस कराया। वहीं, सज्जाद और मुहम्मद हुसैन की जोड़ी ने C-2 500 मीटर कैनो स्लैलम में रजत पदक हासिल किया, जबकि मुहम्मद ने C-1 कैनो 1000 मीटर पुरुषों में कांस्य पदक जीता। इन तीन पदकों ने मेजबान J&K को KIWSF में भाग लेने वाले 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सातवें स्थान पर पहुंचाया।
SAI का जीवन-बदलने वाला प्रभाव
ये तीनों एथलीट SAI के नेहरू पार्क केंद्र में ही ट्रेनिंग करते हैं। सज्जाद ने बताया कि उनके कोच जुल्फिकार अली भट्ट उन्हें न सिर्फ प्रशिक्षण देते थे, बल्कि सुबह अभ्यास के बाद स्कूल तक छोड़ते भी थे। यह दिखाता है कि SAI का सहयोग सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इन युवाओं के भविष्य को संवारने में भी मदद कर रहा है।
सज्जाद ने बताया, “हमारे लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल है, तो ऐसे में खिलाड़ियों वाली डाइट के बारे में सोचना तो दूर की बात है।” यही वजह थी कि वह स्कूल के बाद शिकारा चलाकर परिवार की आय में मदद करते थे। SAI के केंद्र ने उनके लिए इस मुश्किल को आसान कर दिया।
खेल, सिर्फ जीत नहीं, बल्कि एक बेहतर जीवन
मुहम्मद हुसैन, जो एक सब्जी विक्रेता के बेटे हैं, ने SAI को अपनी सफलता का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा, “हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, और अगर हमें खुद से प्रशिक्षण लेना होता, तो हमारे लिए इसमें सफल होना संभव नहीं होता।” उन्होंने यह भी कहा कि खेलों से जुड़ना युवाओं को नशे की लत जैसे खतरों से दूर रखता है।
कोच जुल्फिकार अली भट्ट के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनके पास आगे बढ़ने के साधन नहीं हैं। भारत 2036 के ओलंपिक की मेजबानी की तैयारी कर रहा है, और जुल्फिकार का मानना है कि SAI के केंद्र ऐसे एथलीटों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने श्रीनगर में एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (National Centre of Excellence) स्थापित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जिससे डल झील के आसपास के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को और भी अधिक लाभ मिल सके।
खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल के बारे में
खेलो इंडिया के कैलेंडर में यह एक नया इज़ाफ़ा है, जिसे 21 से 23 अगस्त तक श्रीनगर की मशहूर डल झील में आयोजित किया गया। इस फेस्टिवल में रोइंग, कैनोइंग, कयाकिंग, वॉटर स्कीइंग, शिकारा रेस और ड्रैगन बोट रेस जैसे छह खेल शामिल हैं। यह अपने तरह का पहला ऐसा फेस्टिवल था, जिसमें किसी भी उम्र के खिलाड़ी हिस्सा ले सकते थे।