Home Sports ‘खेलो भारत नीति-2025’ लॉन्च: खेल, विकास और शिक्षा का नया अध्याय

‘खेलो भारत नीति-2025’ लॉन्च: खेल, विकास और शिक्षा का नया अध्याय

Khelo Bharat Niti 2025

नई दिल्ली: भारत सरकार ने 1 जुलाई 2025 को ‘खेलो भारत नीति-2025’ लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य भारत के खेल परिदृश्य को पूरी तरह से बदलना है। युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह नीति पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है, जो भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में काम करेंगे।

नीति के पांच प्रमुख स्तंभ

  1. वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता: इस नीति का पहला लक्ष्य बुनियादी ढांचे, प्रतिभा की पहचान और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को बढ़ाकर भारत की वैश्विक खेल उत्कृष्टता को बढ़ाना है।
  2. आर्थिक विकास के लिए खेल: खेल को पर्यटन, विनिर्माण और खेल प्रौद्योगिकी जैसे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक आर्थिक इंजन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
  3. सामाजिक विकास के लिए खेल: यह स्तंभ खेल के माध्यम से समावेशिता, स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देगा, जिससे सामाजिक सामंजस्य मजबूत होगा।
  4. खेल – एक जन आंदोलन: नीति का चौथा स्तंभ समुदायों को शारीरिक गतिविधियों में शामिल करके खेलों को एक सांस्कृतिक आधारशिला बनाने पर केंद्रित है।
  5. शिक्षा के साथ एकीकरण: यह नीति राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के साथ मिलकर छात्रों में समग्र विकास और जीवन कौशल को बढ़ावा देगी, जिससे अकादमिक और एथलेटिक दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्टता सुनिश्चित हो सके।

प्रमुख उद्देश्य और घटक

  • व्यापक खेल कार्यक्रम: जमीनी स्तर से लेकर अभिजात्य स्तर तक, सभी समूहों के लिए व्यापक खेल कार्यक्रम स्थापित करना।
  • मजबूत प्रतिस्पर्धी संरचना: विभिन्न स्तरों पर खेल प्रतियोगिताओं और लीगों का आयोजन करना।
  • शारीरिक साक्षरता: खेलों और शारीरिक गतिविधि की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पहल शुरू करना।
  • प्रतिभा की पहचान: भविष्य के चैंपियनों को पोषित करने के लिए एक मजबूत प्रतिभा पहचान और विकास प्रणाली विकसित करना।
  • बुनियादी ढाँचा: देशभर में खेल सुविधाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करना, विशेषकर आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक असमानताओं को दूर करते हुए।
  • एथलीट-केंद्रित समर्थन: खिलाड़ियों के समग्र विकास के लिए सहायता प्रणाली प्रदान करना।
  • शासन और वित्तपोषण: खेल क्षेत्र में शासन और संस्थागत ढांचे को मजबूत करना, और खेलों के स्थायी विकास के लिए वित्तपोषण तंत्र को सुधारना।

केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह नीति किसी विशिष्ट योजना या कार्यक्रम का प्रस्ताव नहीं करती है जिसके वित्तीय निहितार्थ हों, और इसलिए इसके तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी।

यह नीति एक “संपूर्ण-सरकार और बहु-हितधारक” दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसका लक्ष्य सभी संबंधित पक्षों को एक साथ लाकर खेलों को एक नया आयाम देना है।