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कश्मीर में खेल क्रांति: डल झील में इतिहास रचने जा रहा ‘खेलो इंडिया’ जल खेल महोत्सव

Sports revolution in Kashmir

खेलो इंडिया न्यूज श्रीनगर: 18 अगस्त – जम्मू और कश्मीर को अब सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि एक प्रमुख खेल हब के रूप में भी जाना जाएगा। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, प्रतिष्ठित डल झील 21 से 23 अगस्त तक अपने पहले राष्ट्रीय-स्तर के खेलो इंडिया जल खेल महोत्सव (Khelo India Water Sports Festival) की मेजबानी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह आयोजन न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में खेलों को बढ़ावा देगा, बल्कि डल झील की वैश्विक पहचान को एक नया आयाम देगा।

400 से ज्यादा खिलाड़ी, 36 राज्यों की भागीदारी

इस तीन दिवसीय भव्य जल खेल महोत्सव में देशभर के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 400 से अधिक एथलीट हिस्सा लेंगे। इन खेलों में रोइंग, कैनोइंग और कयाकिंग जैसे तीन पदक स्पर्धाएं शामिल हैं, जो खिलाड़ियों को राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करेंगी। इसके साथ ही, जल स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और लोकप्रिय शिकारा स्प्रिंट जैसे रोमांचक प्रदर्शनी खेल भी आकर्षण का केंद्र होंगे।

गुलमर्ग के बाद डल झील की बारी

केंद्रीय खेल मंत्रालय के प्रयासों से गुलमर्ग पहले ही एक शीर्ष शीतकालीन खेल केंद्र के रूप में स्थापित हो चुका है। अब, खेलो इंडिया के तहत डल झील को जल खेलों के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। खेलो भारत नीति (Khelo Bharat Niti) के तहत, यह महोत्सव न केवल खिलाड़ियों के लिए नई उम्मीदें जगा रहा है, बल्कि हाउस बोट मालिकों जैसे स्थानीय हितधारकों के लिए भी आर्थिक लाभ के नए दरवाजे खोल रहा है।

खेल जगत से मिला शानदार समर्थन

कैनोइंग और कयाकिंग की दुनिया में एक जाना-माना नाम और ओलंपिक जज, बिल्किस मीर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं है, बल्कि हमारे देश में जल खेलों के एक नए युग की शुरुआत है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं।”

वहीं, युवा कयाकिंग एथलीट मोहसिन अली जैसे कई खिलाड़ी इन खेलों में पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। अली ने कहा, “मैं उम्मीद करता हूँ कि इन खेलों में मैं स्वर्ण पदक जीतकर अपने राज्य का नाम रोशन करूँगा।”

डल झील: एक खेल केंद्र और सांस्कृतिक पहचान

यह महोत्सव डल झील के लिए एक खेल मील का पत्थर होने के साथ-साथ एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहचान भी है। इस आयोजन के लिए झील को विशेष रूप से तैयार किया गया है, जिसमें सफाई और जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है। महोत्सव का शुभंकर हिमालयन किंगफिशर है, और लोगो में डल झील पर एक शिकारा को दिखाया गया है, जो इस क्षेत्र की संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है।

शिकारा चालक और एथलीट मुहम्मद रफीक मल्ला जैसे स्थानीय लोग इस महोत्सव को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, “खेलो इंडिया जल खेल महोत्सव न सिर्फ खिलाड़ियों को, बल्कि मुझ जैसे डल झील में रहने वाले लोगों को भी अवसर देगा।”

यह महोत्सव खेलो इंडिया के उस विजन का हिस्सा है, जो खेलों को स्टेडियमों से बाहर निकालकर पहाड़ों, समुद्र तटों और अब झीलों तक ले जा रहा है, जिससे भारत की खेल संस्कृति को एक नया आयाम मिल रहा है।