Home Sports खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट: क्या सरकार सुनेगी खिलाड़ियों की पुकार?

खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट: क्या सरकार सुनेगी खिलाड़ियों की पुकार?

खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट

Khelo India News नई दिल्ली: एक समय था जब देश के खिलाड़ियों को भारतीय रेलवे की तरफ से खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट के रूप में यात्रा में विशेष छूट दी जाती थी। यह रियायत खासकर उन खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित होती थी जो आर्थिक रूप से कमजोर थे और जिन्हें अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए अक्सर यात्रा करनी पड़ती थी। हालांकि, 20 मार्च 2020 को, रेल मंत्रालय ने कई श्रेणियों की रियायतों के साथ-साथ खिलाड़ियों को मिलने वाली इस महत्वपूर्ण छूट को भी रद्द कर दिया। इस फैसले ने देश के खेल समुदाय में एक बड़ी चिंता पैदा कर दी है, और अब इसे बहाल करने की मांग जोर पकड़ रही है।

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क्यों बंद हुई खिलाड़ियों की रियायत?

रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आधिकारिक बयान और मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट को बंद करने का मुख्य कारण रेलवे पर बढ़ता वित्तीय बोझ और सब्सिडी का बढ़ता घाटा था। सरकारी बयानों में यह भी कहा गया कि खर्चों और घाटे के दबाव ने इन फैसलों को प्रभावित किया। यही कारण था कि वरिष्ठ नागरिकों जैसी अन्य श्रेणियों को भी दी जाने वाली छूटों को रोका गया, जिससे रेलवे को करोड़ों रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ।

अब रेलवे मुनाफे में, फिर क्यों नहीं छूट?

हालांकि, हालिया वर्षों में भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। 2022-23 में रेलवे ने 2,39,982.56 करोड़ रुपये की कमाई की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25.51% अधिक थी। इसके अतिरिक्त, रेलवे का परिचालन अनुपात (Operating Ratio) भी सुधरा है, जो यह दर्शाता है कि 100 रुपये कमाने के लिए उसके खर्च में कमी आई है। 2021-22 में यह 107.39% था, जबकि 2023-24 में यह 98.45% तक सुधर गया है, और 2024-25 में इसके और बेहतर होने की उम्मीद है। इन आंकड़ों से यह साबित होता है कि रेलवे अब वित्तीय घाटे से उबरकर मुनाफे की राह पर है। ऐसे में खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट फिर से शुरू करना उसके लिए वित्तीय बोझ नहीं होगा।

खिलाड़ियों और खेल संघों पर असर

खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट बंद होने से सबसे ज्यादा असर जमीनी स्तर के खिलाड़ियों पर पड़ा है। खासकर राज्य और जिला स्तर के खिलाड़ी, जो अक्सर प्रायोजकों (sponsors) पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए अब प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए यात्रा करना और भी महंगा हो गया है। कई खेल संघों और स्थानीय संगठनों ने इस फैसले का विरोध किया है और सरकार से इसे फिर से शुरू करने की गुहार लगाई है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष और महान एथलीट पी.टी. उषा ने भी हाल ही में इंदौर हॉकी एसोसिएशन के साथ एक मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को सुना। हालांकि, उनका व्यस्त कार्यक्रम देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि वह इस पर तुरंत कोई बड़ा कदम उठा पाएंगी या नहीं।

संसद से लेकर सोशल मीडिया तक, उठ रही है आवाज़

पिछले कुछ सालों में, खेल मंत्रालय ने भी कई बार रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड से खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट को बहाल करने का अनुरोध किया है। संसद में भी इस मुद्दे पर कई प्रश्न पूछे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। अब इस मामले को एक जन-आंदोलन का रूप दिया जा रहा है। खेल प्रेमियों, खिलाड़ियों और पत्रकारों का एक समूह इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए #Concession4Athletes हैशटैग का उपयोग करते हुए यह मांग की जा रही है कि खिलाड़ियों को दी जाने वाली रेलवे रियायत को तुरंत फिर से शुरू किया जाए। यह अभियान सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संबंधित मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करेगा।

यह एक छोटा सा कदम हो सकता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करेगा और प्रधानमंत्री के ‘विश्व खेल महाशक्ति’ बनने के सपने को साकार करने में मदद करेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि जो सरकार खेलों को टॉप 10 देशों में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, वह खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए खिलाड़ियों के लिए रेलवे छूट फिर से शुरू करने में देरी नहीं करेगी।

आप इस मामले पर क्या सोचते हैं? अपनी राय हमें सोशल मीडिया पर #Concession4Athletes के साथ जरूर बताएं।