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विभु त्यागी ने डेफलिंपिक्स गोल्फ चयन ट्रायल में मारी बाजी, टोक्यो 2025 के लिए मजबूत दावेदारी पेश की

Deaflympics Trials scaled

खेलो इंडिया न्यूज़, ग्रेटर नोएडा: भारत के डेफलिंपिक्स गोल्फ टीम के चयन के लिए आयोजित ट्रायल में महाराष्ट्र के विभु त्यागी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला स्थान हासिल किया है। 12 अगस्त को ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रीन्स गोल्फ कोर्स में आयोजित इस दो दिवसीय प्रतियोगिता में विभु ने 168 (24-ओवर पार) का कुल स्कोर बनाकर शीर्ष पर कब्जा किया।

यह चयन ट्रायल डेफलिंपिक्स टोक्यो 2025 के लिए भारतीय टीम चुनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भीषण गर्मी, उमस और तेज हवाओं जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, त्यागी का प्रदर्शन उनकी मजबूत तैयारी और धैर्य को दर्शाता है।


आईजीयू के मार्गदर्शन में हुआ सफल आयोजन

भारतीय गोल्फ संघ (आईजीयू) के मार्गदर्शन में अखिल भारतीय खेल परिषद (एआईएससीडी) द्वारा आयोजित इस ट्रायल में छह एथलीटों ने भाग लिया, जिनमें एक महिला खिलाड़ी भी शामिल थीं। यह आयोजन भारत में श्रवण-बाधित खिलाड़ियों के लिए खेलों में बढ़ती समावेशिता का प्रमाण है।


हर्ष सिंह और जसतर सिंह भी चमके

विभु त्यागी के बाद, उत्तर प्रदेश के हर्ष सिंह ने दूसरा और चंडीगढ़ के जसतर सिंह बिलिंग ने तीसरा स्थान हासिल किया। इन खिलाड़ियों का बेहतरीन प्रदर्शन टोक्यो 2025 में भारत के लिए पदक की उम्मीदों को मजबूत करता है।

आईजीयू के कोषाध्यक्ष संजीव रत्तन और एआईएससीडी के चेयरमैन मोहिंदर सिंह ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया। इस मौके पर परियोजना प्रबंधक सोमेश शर्मा और तकनीकी निदेशक (बैडमिंटन) श्रीमती सोनू आनंद शर्मा भी मौजूद थीं।


“जो खेले, वो खिले”: एआईएससीडी चेयरमैन का संदेश

एआईएससीडी के चेयरमैन मोहिंदर सिंह ने चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भले ही प्रतिभागियों की संख्या कम थी, लेकिन प्रतियोगिता बहुत कड़ी थी। मैं सभी खिलाड़ियों और भारतीय गोल्फ संघ को उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देता हूँ।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘जो खेले, वो खिले’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन विशेष खिलाड़ियों को देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलना बहुत गर्व की बात है।

इस ट्रायल के दौरान, एक प्रतिभागी ईशांत एस. शिकारे को गोल्फ नियमों के उल्लंघन के कारण पहले राउंड के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया, ताकि चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता बनी रहे।